आरती गरुड़ गोविन्द जी की
ॐ जय गोविन्द स्वामी,-२, जो कोई तुमको ध्यावे-२,
ॐ जय गोविन्द स्वामी,-२, जो कोई तुमको ध्यावे-२,
मनवांछित फल पावे |जय अन्तर्यामी|| जय गोविन्द स्वामी||
श्याम स्वरूप सलोनो,मुरली मुख धारी |गरुड़ पे आप विराजो जय संकटहारी||ॐ जय गोविन्द स्वामी ||
यदुकुल में ले जन्म,अनेकन लीला विस्तारी |आदि अंत ते परे प्रभु के चरनन बलिहारी ||ॐ जय गोविन्द स्वामी ||
भक्तन के हित तुमने, रूप अनेक धरे |जो कोई तुमको भूले सो भव सिन्धु परे ||ॐ जय गोविन्द स्वामी ||
लक्ष्मी सहित सुशोभित षडंग वन वासो |जो कोई तुमको ध्यावे सब संकट नासो ||ॐ जय गोविन्द स्वामी ||
भक्त तुम्हारे निशि दिन तुम्हारो ध्यान धरें |पूजा करें तुम्हारी संकट सकल टरे |ॐ जय गोविन्द स्वामी ||
गौतम वंशी ब्राह्मण 'व्योम' ब्रह्मचारी | द्वादश भुज वारे की आरती उच्चारी ||ॐ जय गोविन्द स्वामी ||
Pt.VYOM KRISHNA
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